Thursday 17 December 2020

खुद को ला छोड़ा है समंदर में बहुत दूर हमने,

यहां सब में मैं ही हूं और सब मेरे जैसा है,

हां दिख रहा है तूफान..जाओ पनाह लो किसी किनारे की तुम,

समंदर घर है मेरा मुझे अपने घर में डर कैसा है।

-आयुष द्विवेदी

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